अक्सर लोगो के मन में यह जानने के लिए एक जिज्ञासा रहती है कि सेरेब्रल पाल्सी बच्चो के लिए समर्पित संस्था का नाम त्रिशला फाउंडेशन क्यों रखा गया है। क्या किसी परिवार के सदस्य के नाम पर है या किसी और के नाम पर। जैन धर्म के चौंबीसवें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर की माता का नाम त्रिशला था और यह माना जाता है इस युग को नई दिशा देने के लिए भगवान महावीर माता त्रिशला के गर्भ से अवतरित हुवे थे।
किसी भी बच्चे को जन्म से लेकर उसकी परवरिश, संस्कार देने और आत्मनिर्भर बनाने में माँ का स्थान सबसे आगे होता हैं। और जब कोई बच्चा किसी दिव्यांगता विशेषतया सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित हो तो उस बच्चे को पैरों पर खड़ा करने में पुरे परिवार के साथ माँ की भूमिका सबसे ऊपर होती है। वो अपने जीवन से संघर्ष कर बच्चे को उच्च स्तर तक लेकर जाने का हर संभव प्रयास करती हैं। सभी धर्मो में माँ को सर्वोत्तम दर्जा दिया गया हैं इन्ही सब बातो को ध्यान रखते हुवे संस्था का नाम त्रिशला फाउंडेशन रखा गया है जिससे ऐसे बच्चो पर मातृ ईश्वरीय शक्ति की कृपा बनी रहे और वात्सल्य प्रेम मिलता रहे ।
डॉ जीतेन्द्र कुमार जैन
अध्यज, त्रिशला फाउंडेशन